Mental Health Care: कभी-कभी अकेलापन लगना या उदास होना, एक आम बात है. यह व्यक्ति के स्वभाव का हिस्सा है. लेकिन यदि यह फीलिंग आपको हर समय बनी रहती है तो इस स्थिति को आप हल्के में बिल्कुल ना लें क्योंकि हर समय उदासी रहना, रोने की अच्छा करना और किसी काम में मन ना लगना, स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी मेंटल प्रॉब्लम के शुरुआती लक्षण होते हैं.
मूड लो होना, गुस्सा आना और उदासी होना, ये ऐसी मानसिक स्थितियां हैं, जो लाइफ में कुछ गलत होने या काम का अधिक दबाव होने के कारण होती हैं. हालांकि हॉर्मोनल बदलाव के कारण भी दिक्कतें हो सकती हैं. लेकिन अगर आपकी मानसिक स्थिति हर समय ऐसी ही बनी रहती है तो आपको समझ लेना चाहिए कि ये सामान्य नहीं है. ऐसे में आपको परेशान नहीं होना है और ना ही इधर-उधर डॉक्टर्स के पास भटकर समय और पैसा वेस्ट करना है.
बल्कि इस स्थिति में आप सीधे साइकाइट्रिस्ट यानी मनोवैज्ञानिक के पास जाएं क्योंकि अगर आपके साथ ये समस्याएं हॉर्मोनल असंतुलन के कारण हो रही हैं तो ये आपको दवाएं देंगे. यदि इसकी वजह कोई भावनात्मक या पारिवारिक समस्या है तो ये आपको काउंसलर के पास भेज देंगे. काउंसलर आपकी बातों को सुनकर कुछ आसान टास्क और थेरेपी आपके देते हैं, जो आपके तनाव और इन सभी परेशानियों को दूर करने में मदद करती हैं.
देरी पड़ सकती है भारी
अगर आपको अभी भी लग रहा है कि ये सब तो होता रहता है और आप लापरवाही दिखाएंगे तो हो सकता है कि आने वाले समय में आपको अवसाद यानी डिप्रेशन जैसे भयानक मानसिक रोग का सामना करना पड़े. इसलिए मेंटल हेल्थ को भी इसी तरह गंभीरता से लेना चाहिए, जैसे कि हम शरीर पर लगी चोट या फ्रैक्चर को लेते हैं.
पूरी तरह ठीक हो जाती है समस्या
दवाओं और काउंसलिंग के जरिए आपकी मेंटल हेल्थ पूरी तरह ठीक हो जाती है और आप एक बार फिर से नॉर्मल लाइफ जीने के लिए तैयार होते हैं. लेकिन यदि आप इसे अनदेखा करेंगे तो हो सकता है कि तुरंत आपको इसका कोई बुरा असर ना दिखे. लेकिन आने वाले समय में ये समस्याएं आप पर बहुत भारी पड़ सकती हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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